वन्दे मातरम....
शासक निर्लज्ज...
अब रोके न रुकेगा...
झुका है न झुकेगा...
उग आया केसरी सूरज......
केसरी है रग......
केसरी है ध्वज......
केसर की क्यारी क्यो दें हम तज...
केसरी है मन ...
केसरी है तन...
केसरी ही प्राण मेरा...
केसरी है प्रण...
हिन्दू है तन...
हिन्दू है मन...
चाहे कितना अब भीषण हो रण...
हिन्दू मन का यही है अब प्रण...
चाहे कितना अब भीषण हो रण...
हिन्दू मन का यही है अब प्रण...
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